Onion Storage Subsidy – प्रिय किसान भाइयों और बहनों, आपके लिए एक अत्यंत राहत भरी और महत्वपूर्ण सूचना है! महाराष्ट्र सरकार ने प्याज उत्पादक किसानों को बड़ी राहत देने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत प्याज भंडारण इकाई (Onion Storage Unit) के निर्माण के लिए दी जाने वाली अनुदान राशि में काफी वृद्धि की गई है। अब किसानों को प्रति मीट्रिक टन (metric ton) ₹4,000 का अनुदान मिलेगा।
लंबे समय से, प्याज के भंडारण में होने वाली समस्याएँ और भंडारण के दौरान होने वाले भारी नुकसान से किसान परेशान थे। इस नुकसान का सीधा असर उनकी आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा था। लेकिन, सरकार के इस नए फैसले से किसान अब अपनी प्याज को सुरक्षित रूप से स्टोर कर पाएंगे और सही बाजार मूल्य मिलने तक इंतजार करने का अवसर प्राप्त कर सकेंगे।
अनुदान में वृद्धि – एक मजबूत आर्थिक आधार : Onion Storage Subsidy
राज्य स्तरीय परियोजना स्वीकृति समिति (State-level Project Approval Committee) ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय का स्वरूप और किसानों को होने वाले फायदे निम्नलिखित हैं:
- अनुदान वृद्धि: प्याज भंडारण गृह (चाळ) के निर्माण के लिए अब प्रति टन ₹4,000 की सब्सिडी तय की गई है।
- अवधि का विस्तार: इस परियोजना की समय सीमा को वित्तीय वर्ष 2025-26 तक बढ़ा दिया गया है।
- अप्रयुक्त निधि का उपयोग: पहले से स्वीकृत ₹51 करोड़ की राशि में से जो फंड अप्रयुक्त (Unspent) बचा हुआ था, उसका उपयोग अब इस बढ़ी हुई सब्सिडी के लिए किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक किसानों को लाभ मिल सके।
यह फैसला प्याज उत्पादकों के लिए बहुत बड़ी राहत है। उचित भंडारण व्यवस्था न होने के कारण प्याज का सड़ना या खराब होना एक बड़ी चुनौती थी। बढ़ी हुई सब्सिडी के कारण अब अधिक किसान उच्च गुणवत्ता वाले प्याज भंडारण गृहों का निर्माण कर सकेंगे और अपनी उपज को अधिक सुरक्षित रख पाएंगे।
किसानों को होने वाले प्रमुख लाभ :
प्याज भंडारण गृह के लिए बढ़े हुए अनुदान से किसानों की कई समस्याओं का समाधान होगा:
- उत्पाद सुरक्षा: भंडारण गृह के कारण प्याज को लंबे समय तक अच्छी स्थिति में रखा जा सकता है, जिससे भंडारण हानि (Storage Loss) कम होगी।
- बेहतर बाज़ार भाव: कटाई के तुरंत बाद प्याज बेचने की मजबूरी खत्म हो जाएगी। किसान बाज़ार दरों का अनुमान लगाकर, जब अच्छा मूल्य मिलेगा, तभी बिक्री कर पाएंगे। इससे उनकी आय में निश्चित रूप से वृद्धि होगी।
- आर्थिक स्थिरता: भंडारण क्षमता बढ़ने से, किसानों की आर्थिक योजना और भी मजबूत होगी।
इस योजना में शामिल होने के लिए क्या करें?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को आवश्यक दस्तावेज़ों और तकनीकी मानदंडों को पूरा करना होगा। आमतौर पर, इस योजना के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होता है:
- पूर्व सहमति अनिवार्य: प्याज भंडारण गृह का निर्माण शुरू करने से पहले तालुका कृषि अधिकारी (Taluka Agriculture Officer) से पूर्व सहमति (Prior Approval) प्राप्त करना अनिवार्य है।
- स्वामित्व अधिकार: भंडारण गृह के निर्माण की जगह आवेदक के स्वयं के स्वामित्व में होनी चाहिए।
- तकनीकी मानदंड: सरकार द्वारा दिए गए तकनीकी आराखड्यानुसार (Design) और विनिर्देशों (Technical Specifications) के अनुसार ही भंडारण गृह का निर्माण करना आवश्यक है (उदाहरण: छत के लिए AC/GI शीट का उपयोग, जमीन से 60 सेमी की ऊँचाई बनाए रखना, उचित वायु संचार और प्रकाश की व्यवस्था)।
महत्वपूर्ण सूचना: सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसानों को कृषि विभाग के नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए और निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र संबंधित कृषि कार्यालय में जमा करना चाहिए।
निष्कर्ष :
राज्य सरकार का यह निर्णय प्याज उत्पादक किसानों के हित में है और इससे उन्हें आर्थिक संबल मिलेगा। प्रति टन ₹4,000 का अनुदान निश्चित रूप से प्याज भंडारण क्षमता को बढ़ाएगा और किसानों की आय में वृद्धि करने में सहायक होगा। अब आवश्यकता है कि किसान इस अवसर का पूरा लाभ उठाएँ और जल्द से जल्द आवेदन करें।
इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप अपने तालुका कृषि अधिकारी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। Onion Storage Subsidy