चक्रवाती तूफान का खतरा : देश के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। एक ओर जहां बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान सक्रिय हो गया है, वहीं दूसरी ओर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में बर्फीली हवाओं के कारण कड़ाके की ठंड पड़नी शुरू हो गई है। मौसम विभाग ने दक्षिण के तटीय राज्यों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जबकि उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
दक्षिण में बन रहा है तूफानी दबाव
बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में एक चक्रवाती तूफान बन चुका है। इसके अलावा, श्रीलंका तट के पास मन्नार की खाड़ी के ऊपर एक और निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हुआ है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह दबाव धीरे-धीरे मजबूत होकर भारतीय तटों को प्रभावित कर सकता है।
- २६ और २७ नवंबर का पूर्वानुमान: आज (२६ नवंबर) और कल (२७ नवंबर) को आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों, रायलसीमा, तमिलनाडु के तटों और केरल के कुछ दक्षिणी भागों में हल्की बारिश होने की संभावना है। २७ नवंबर तक श्रीलंका के पास बना निम्न दबाव का क्षेत्र एक ‘डिप्रेशन’ (गहरे दबाव) में बदल सकता है, जिससे आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटों पर हवा की गति बढ़ जाएगी।
- २८ नवंबर और आगे की स्थिति: २८ नवंबर से दक्षिण भारत में इन मौसम प्रणालियों का असर और बढ़ेगा। तमिलनाडु के तटों पर भारी बारिश शुरू होने की आशंका है, जबकि ओडिशा के दक्षिणी तटों, आंध्र प्रदेश और केरल में भी बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश जारी रह सकती है।
उत्तर भारत में बढ़ी ठिठुरन, कई जगह पारा ४°C तक गिरा
जहां समुद्री इलाकों में तूफान का खतरा है, वहीं उत्तर भारत में शीतलहर जैसी स्थिति बन गई है। ‘पोलर वर्टेक्स’ (उत्तरी ध्रुव से आने वाली बर्फीली हवाओं) के कारण मैदानी इलाकों तक ठंड पहुँच रही है।
- तापमान में गिरावट: राजस्थान के सीकर में न्यूनतम तापमान ४°C तक गिर गया है, जो सामान्य से ६°C कम है। कश्मीर में भी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से ३.९°C नीचे दर्ज किया गया है।
- घना कोहरा: आगामी दिनों में इंडो-गंगेटिक मैदानों में सर्दी और बढ़ेगी। सुबह के समय पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में मध्यम से घना कोहरा छा सकता है। इससे दृश्यता (Visibility) कम होगी, जिसका असर रेल और सड़क यातायात पर पड़ सकता है।
- पहाड़ों पर बर्फबारी: जल्द ही पहाड़ों पर एक पश्चिमी विक्षोभ आने की उम्मीद है, जिससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी में वृद्धि होगी।
नागरिकों से अपील है कि वे मौसम की इन गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए अपनी यात्रा की योजना बनाएं और आवश्यक सावधानी बरतें।