8th Pay Commission केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) इस समय सबसे अधिक चर्चा का विषय बना हुआ है। हाल ही में महंगाई भत्ते (DA) में हुई बढ़ोतरी ने भले ही तत्काल राहत दी हो, लेकिन सभी की निगाहें अब 1 जनवरी 2026 पर टिकी हैं—वह संभावित तारीख जब यह बहुप्रतीक्षित आयोग लागू हो सकता है। यदि यह लागू होता है, तो यह न केवल वेतनमान (सैलरी) बल्कि पेंशनभोगियों की मासिक पेंशन में भी एक अभूतपूर्व वृद्धि ला सकता है।
8वें वेतन आयोग के तहत पेंशन में संभावित बूम: ₹9,000 से ₹20,000 तक?
8वें वेतन आयोग का गठन होते ही पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम पेंशन की सीमा में बड़ा संशोधन होने की उम्मीद है। वर्तमान में, 7वें वेतन आयोग के मानकों के अनुसार न्यूनतम पेंशन लगभग ₹9,000 प्रति माह है।
सबसे बड़ा बदलाव फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) में देखने को मिल सकता है। कर्मचारी संघों की मांग है कि मौजूदा 2.57 के फैक्टर को बढ़ाकर 3.68 या उससे अधिक किया जाए।
- यदि यह मांग स्वीकार होती है, तो न्यूनतम पेंशन ₹9,000 से बढ़कर सीधे ₹18,000 से ₹20,000 प्रति माह तक पहुँच सकती है।
इसके साथ ही, पुराने पेंशनभोगियों के लिए ‘वन रैंक वन पेंशन’ (OROP) की तर्ज पर पेंशन पुनरीक्षण (Pension Revision) की मांग भी ज़ोर पकड़ रही है। यह कदम वरिष्ठ नागरिकों को बढ़ती महँगाई और चिकित्सा खर्चों से निपटने में ठोस वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा।
5वें और 6ठे वेतन आयोग के कर्मचारियों को भी राहत: DA में बड़ी वृद्धि 8th Pay Commission
केंद्र सरकार ने उन कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को भी निराश नहीं किया है जो अभी भी पुराने, 5वें और 6ठे वेतन आयोग के तहत अपना वेतन या पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आदेशों के अनुसार, 1 जुलाई 2025 से उनके महंगाई भत्ते (DA) की दरों में भी महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है:
| वेतन आयोग | पुरानी DA दर | नई DA दर (1 जुलाई 2025 से) |
| 5वां वेतन आयोग | 466% | 474% |
| 6ठा वेतन आयोग | 252% | 257% |
यह बढ़ी हुई दरें 1 जुलाई 2025 से प्रभावी मानी जाएँगी और इसका बकाया (Arrear) भी लाभार्थियों को जल्द ही प्रदान किया जाएगा।
7वें वेतन आयोग के कर्मचारियों का DA 58% पहुँचा
वर्तमान में कार्यरत अधिकांश केंद्रीय कर्मचारी 7वें वेतन आयोग के दायरे में आते हैं। इनके लिए भी महंगाई भत्ते में 3% की वृद्धि की गई है। इस वृद्धि के बाद, कुल महंगाई भत्ता 55% से बढ़कर 58% हो गया है।
डीए में इस वृद्धि का सीधा असर कर्मचारियों के ‘इन-हैंड सैलरी’ और पेंशनभोगियों की मासिक आय पर पड़ेगा।
उदाहरण: यदि किसी पेंशनभोगी की मूल पेंशन ₹25,000 है, तो 3% की बढ़ोतरी से उन्हें हर महीने ₹750 अतिरिक्त मिलेंगे, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी।
फिटमेंट फैक्टर का जादुई असर: पेंशन में भारी उछाल संभव
वेतन आयोग की अनुशंसाओं में ‘फिटमेंट फैक्टर’ वह कुंजी है जो बेसिक सैलरी या पेंशन में होने वाली अंतिम वृद्धि को निर्धारित करती है। कर्मचारी संघों की मांग फिटमेंट फैक्टर को 3.68 गुना तक ले जाने की है।
यदि सरकार इस महत्त्वपूर्ण माँग को स्वीकार करती है, तो पेंशन की गणना नाटकीय रूप से बदल सकती है:
- मौजूदा बेसिक पेंशन: ₹30,000
- संभावित फिटमेंट फैक्टर: 3.68
- नई संभावित बेसिक पेंशन: ₹30,000 x 3.68 = ₹1,10,400
यह एक साधारण उदाहरण है, लेकिन यह स्पष्ट करता है कि 8वां वेतन आयोग पेंशनभोगियों और उनके परिवारों के जीवन स्तर में कितना बड़ा और सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
राज्य सरकारों ने भी दिया तोहफ़ा
केंद्र सरकार के निर्णयों का अनुसरण करते हुए, कई राज्य सरकारों ने भी अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा की है। हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश और अन्य राज्यों ने भी DA में 3% से 4% तक की वृद्धि की है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि राज्य स्तर के कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति भी महँगाई के दौर में स्थिर बनी रहे।
महंगाई भत्ते में हुई हालिया बढ़ोतरी ने तत्काल आर्थिक सहारा दिया है, जबकि 8वें वेतन आयोग की आहट भविष्य की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने का संकेत दे रही है। यह दोनों घटनाक्रम सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं।
पेंशनभोगियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक खाते और मासिक पेंशन स्लिप की नियमित रूप से जाँच करते रहें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बढ़ी हुई डीए राशि और एरियर उनके खाते में सही समय पर क्रेडिट हो रहे हैं।









