PM Kisan Yojana – पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) भारत के किसानों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है। हाल ही में, केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार, इस योजना के नए लाभार्थियों के पंजीकरण और मंजूरी की प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों से अब पात्र किसानों का चयन अधिक पारदर्शी और नियमबद्ध तरीके से होगा।
नए लाभार्थियों के लिए पात्रता मानदंड: केवल ‘इन्हीं’ किसानों को मिलेगा मौका : PM Kisan Yojana
योजना में नए शामिल होने वाले किसानों के लिए केंद्र सरकार ने दो प्रमुख मानदंड (Criteria) निर्धारित किए हैं:
- जमीन रिकॉर्ड की शर्त (कट-ऑफ डेट): जिन किसानों के जमीन के रिकॉर्ड (फेरफार) 1 फरवरी 2019 से पहले दर्ज हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक इस योजना में पंजीकरण नहीं कराया है, वे नए पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- उत्तराधिकार का अधिकार (वारसा हक्क): जिन किसानों को 1 फरवरी 2019 के बाद उत्तराधिकार के माध्यम से जमीन मिली है, वे किसान भी ‘स्व-पंजीकरण’ (Self-Registration) कर सकते हैं।
इन दोनों मानदंडों को पूरा करने वाले किसान अब स्वयं ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
सख्त नियम लागू: तहसीलदार नहीं, कृषि विभाग को अंतिम मंजूरी का अधिकार :
नए आवेदनों को मंजूरी देने की प्रक्रिया में प्रशासनिक बदलाव किए गए हैं।
- मंजूरी की समय सीमा: किसानों द्वारा स्व-पंजीकरण करने की तारीख से दो महीने के भीतर आवेदन को स्वीकार करना या अस्वीकार करना संबंधित अधिकारी पर अनिवार्य है।
- अंतिम मंजूरी का अधिकार: अब से, स्व-पंजीकृत आवेदनों को मंजूरी देने या अस्वीकार करने का अंतिम अधिकार राजस्व विभाग के बजाय कृषि विभाग को दिया गया है।
- तालुका स्तर: तालुका कृषि अधिकारी (नोडल अधिकारी)।
- जिला स्तर: जिला कृषि अधिकारी।
- राजस्व विभाग की भूमिका: महत्वपूर्ण बात यह है कि राजस्व विभाग के तहसीलदार और निवासी उप-जिलाधिकारी के पास लॉगिन सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद, उन्हें इन आवेदनों को मंजूरी नहीं देनी चाहिए, ऐसे स्पष्ट निर्देश कृषि विभाग ने दिए हैं।
मंजूरी की नई श्रृंखला: आवेदन से अंतिम लाभ तक :
किसान का आवेदन अंतिम चरण तक पहुंचने के लिए एक बहु-स्तरीय सत्यापन (Multi-level Verification) प्रक्रिया निर्धारित की गई है:
चरण 1: तहसीलदार स्तर पर जमीन रिकॉर्ड का सत्यापन –
पंजीकृत आवेदन तालुका कृषि अधिकारी के लॉगिन में आने के बाद, भूमि अभिलेखों के अनुसार 1 फरवरी 2019 तक की जमीन धारण (उत्तराधिकार के अपवाद सहित) की जांच के लिए ये आवेदन संबंधित तहसीलदारों को भेजे जाते हैं। तहसीलदार अपने स्तर पर रिकॉर्ड की जांच करते हैं और पात्र-अपात्र किसानों की सूची वापस तालुका कृषि अधिकारी को भेजते हैं।
चरण 2: ग्राम स्तर पर परिवार का सत्यापन –
तहसीलदार द्वारा पात्र ठहराए गए किसानों की सूची आगे कृषि सहायक के पास भेजी जाती है। ग्राम स्तरीय समिति की सहायता से, कृषि सहायक यहाँ परिवार का सत्यापन करते हैं। इस योजना में परिवार के एक से अधिक सदस्यों (पति, पत्नी और अठारह वर्ष से कम उम्र के बच्चे) को लाभ नहीं मिल रहा है, इसकी पुष्टि करना इस चरण में अत्यंत आवश्यक है।
चरण 3: तालुका, जिला और राज्य स्तर पर अंतिम अनुमोदन –
सभी सत्यापन पूरे होने के बाद, पात्र/अपात्र टिप्पणी वाली सूची फिर से तालुका कृषि अधिकारी के पास आती है, जहाँ तालुका स्तर पर अंतिम मंजूरी दी जाती है। इसके बाद, यह सूची जिला और फिर राज्य स्तर पर अंतिम अनुमोदन के लिए भेजी जाती है।
निष्कर्ष:
पीएम किसान योजना का लाभ अब केवल कागजात के आधार पर नहीं, बल्कि कई स्तरों पर कठोर सत्यापन के बाद ही मिलेगा। इस नई नियमावली से योजना में पारदर्शिता बढ़ेगी और केवल वास्तविक जरूरतमंद किसानों को ही लाभ मिलने में मदद मिलेगी। PM Kisan Yojana